ज़िन्दगी और मौत का फासला

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जिंदा हैं, तब जीना भूल जाते हैं लोग,
मौत जब सामने खड़ा हो, तब जीना चाहते हैं लोग।

जिंदा हैं, तब हजारों मर्तबा मरना चाहतें ह लोग,
जब मौत गले लगाना चाहता है, तब जीने का एक मौका चाहतें है लोग।

जिंदा हैं तब अपनों को जाने अंजाने चोट पहुंचाते हैं लोग,
मौत जब दस्तक देता है, तब अपनों को प्यार न दे पाने का अफ़सोस करतें हैं लोग।

जिंदा हैं, तब मिलने, हालचाल पूछने आए न आए लोग,
मरने पर श्रद्धांजलि के पुष्प चढ़ाने, आ ही जाते हैं लोग।

जिंदगी और मौत का फासला तय करते-करते,
कुछ खुशी खुशी जी ही लेते हैं जिंदगी,
मौत के अंजाने डर से, कुछ
पल पल मरते रहते हैं, जिंदगी ।।

-Deepika

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